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चिकित्सा के बाद

कोरोनरी धमनी की बिमारी (सीएडी)

स्टेंट प्रक्रिया के बाद क्या होता है?

प्रक्रिया के तुरंत बाद

प्रक्रिया के बाद आपको चार से छः घंटों तक लेटे रहना पड़ता है और कैथेटर डाली गई जगह के आधार पर आपको अपना पैर या हाथ हिलाने के लिए मना किया जाता है, साथ ही, इस हिस्से पर वजन रखा जाता है।

आपकी जांघ या बांह के पंक्चर स्थल को बंद करने के लिए वास्क्युलर क्लोजर उपकरण लगाया जाता है। यदि इस तरह के उपकरण का इस्तेमाल किया गया हो तो आप जल्द ही उठकर, घूम-फिर सकते हैं। अस्पताल में आपको एक से तीन दिन रहना पड़ सकता है।

 स्टेंट प्रत्यारोपण के पहले और बाद में आपको कुछ दवाएं लेनी पड़ सकती हैं। इनमें से कुछ सामान्य रूप से निर्देशित दवाएं हैं एस्पिरिन और “प्लेटलेट इन्हीबिटर्स”। ये रक्त का थक्का बनने से (थ्रॉम्बस) रोकती हैं। इन दवाओं को लेते समय आपको समय-समय पर रक्त की जाँच करवानी पड़ेगी। अस्पताल को छोड़ने से पहले आपके डॉक्टर या नर्स द्वारा इस संबंध में आपको बताया जाएगा।

यह बहुत जरूरी है कि आप डॉक्टर द्वारा बताए समय के लिए अपनी सभी दवाएं लें। यदि आपको कोई अन्य डॉक्टर या व्यक्ति इन दवाओं को लेना बंद करने के लिए कहे तो पहले उसे अपने डॉक्टर से बात करने के लिए कहें, जिसने आपका स्टेंट प्रत्यारोपित किया हो।

यदि आपको छाती में दर्द हो या पंक्चर की गई जगह से खून आए तो तुरंत अपने डॉक्टर को बताएं। यदि आपका डॉक्टर उपलब्ध न हो तो एंबुलेंस बुलाकर नजदीकी अस्पताल के आपातकालीन चिकित्सा कक्ष में जाएं।

बाद में की जाने वाली देखभाल

आपके डॉक्टर द्वारा आपको फॉलो-अप विजिट के लिए बुलाया जाएगा। आपकी पहली विजिट स्टेंट प्रत्यारोपण के कम से कम दो से चार हफ्तों बाद होगी। और इसके बाद, पहले वर्ष के दौरान हर छः महीने में आपको फॉलो-अप विजिट के लिए बुलाया जाएगा।

यदि आपको कभी मैग्नेटिक रेजोंनंस इमेजिंग की जरूरत पड़े तो अपने डॉक्टर या एम आर आई टेक्नीशियन को बताएं कि आपने स्टेंट प्रत्यारोपित करवाया है।

कोरोनरी आर्टरी डिजीज की रोकथाम कैसे करें

कोरोनरी आर्टरी डिजीज का उपचार तो बहुत अच्छी तरह किया जा सकता है। लेकिन इसे पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता। आप अपने डॉक्टर के निर्देशों का पालन करके, अपनी कोरोनरी आर्टरी डिजीज का बढ़ना रोक सकते हैं। आपके डॉक्टर आपको ब्लड प्रेशर, डायबिटीज औरध्या रक्त में उच्च कोलेस्ट्रॉल पर नियंत्रण रखने के लिए दवाएं भी निर्देशित कर सकते हैं। इसके अलावा, आपकी जीवन शैली में परिवर्तन के सुझाव भी दे सकते हैं। आप स्वयं को स्वस्थ रखने के लिए निम्नलिखित सुझाव अपना सकते हैं:

धूम्रपान न करें: अगर आप धूम्रपान करते हैं तो अपनी कोरोनरी आर्टरी डिजीज का जोखिम कम करने के लिए सबसे पहला कदम यही उठाएं कि धूम्रपान करना छोड़ दें। सिगरेट के धुएं में मौजूद रसायन से आपकी रक्तवाहिनी की दीवार पर प्लाक की जमावट आसानी से होने लगती है। धूम्रपान से आपके हृदय की गति और ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है, जिससे आपको दिल का दौरा पड़ने या लकवा होने का जोखिम भी बढ़ जाता है, यदि आप धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं तो अपने डॉक्टर की सलाह लें, वे आपको धूम्रपान छोड़ने में मदद करेंगे और आपको इसका तरीका भी बताएंगे।

शारीरिक श्रम या व्यायाम करें: निष्क्रिय जीवन शैली से आपका जोखिम बढ़ जाता है। आपके डॉक्टर आपकी दिनचर्या के अनुसार आपके लिए सही व्यायाम तालिका तैयार कर सकते हैं। नियमित व्यायाम से आपका ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल भी कम होता है और आप अपना सही वजन भी बनाए रख सकते हैं। साथ ही, व्यायाम की मदद से आप अपनी आधुनिक जीवन शैली के कारण होने वाले मानसिक तनाव को भी कम कर सकते हैं।

स्वस्थ-संतुलित भोजन करें: कम सैचुरेटेड फैट और कम कोलेस्ट्रॉल युक्त ऐसा भोजन करें, जिसमें प्रोटीन, ताजे फल, शाकभाजी और साबूत अनाज भी शामिल हों। इससे आप स्वस्थ-संतुलित वजन बनाए रख सकेंगे। साथ ही, अपने ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल पर भी नियंत्रण रख सकेंगे।

तनावमुक्त रहें: आज की आधुनिक और तेज रफ्तार जिंदगी में तनाव एक अनिवार्य घटक बन चुका है। लेकिन आप चाहें तो ‘तनावमुक्त’ होने की सही तकनीक अपनाकर इसके बुरे प्रभाव को कम कर सकते हैं। अनुसंधान से पता चलता है कि तनावमुक्त बनाने की तकनीक से आप अपनी तनाव झेलने की क्षमता बढ़ाकर, अपने हृदय की गति, ब्लड प्रेशर और स्ट्रैस लैवल हार्मोन का स्तर भी कम कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर

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यह जानकारी प्रोफेशनल मेडिकल सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है. हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लें.